वस्त्र व पुस्तक भव्डार:-

1. छात्र के वस्त्रों और पुस्तकों की व्यवस्था अभिभावक ही करें । गुरुकुल के भण्डार में भी पाठ्यक्रम की किताबें, कॉपी , कलम, कुर्ता, कटिवस्त्र, कच्छे व लंगोट आदि उपलब्ध हैं। किन्तु केवल वे ही छात्र गुरुकुल भण्डार से ये आवश्यक सामान खरीद सकते हैं जिनका छात्रावास शुल्क समय पर जमा हो चुका हो। विशेष परिस्थिति में प्राचार्य या मुख्याधिष्ठाता महोदय की अनुमति से सामान खरीद सकते हैं।

अपनी कुछ सेवाएं अर्पित ली वहाँ विद्वानों के संग से आप विद्यार्जन भी करते रहे। परन्तु इतने मात्र से आप संतुष्ट नहीं हुए, अपितु आपके मन में एक लगन थी की हिसार मंडल में वैदिक सिद्धांतो तथा संस्कृत भाषा का प्रचार और प्रसार एक गुरुकुल की स्थापना के बिना अधूरा है। इसी लगन के परिणामस्वरूप गुरुकुल आर्यनगर की स्थापना की गयी जिसका विशेष वृतांत आगे दिया जा रहा है।

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