भोजन - भण्डार

भोजन से सम्बन्धित सभी वस्तुओं को भण्डार में सुव्यवस्थित रखा जाता है।

1. यदि किसी छात्र को घी या अन्य किसी सामान की आवश्यकता हो तो वह मुख्याधिष्ठाता या प्राचार्य जी की अनुमति से भण्डार व्यवस्थापक की उपस्थिति में नियमानुसार ले सकता है।

2. सामान उसी छात्र को दिया जायेगा जिसका प्रति मास समय पर छात्रावास शुल्क प्राप्त होता रहेगा और जिस छात्र का खर्चा अधिक होगा, उसे भण्डार से कोई सामान उपलब्ध नहीं कराया जायेगा।

अपनी कुछ सेवाएं अर्पित ली वहाँ विद्वानों के संग से आप विद्यार्जन भी करते रहे। परन्तु इतने मात्र से आप संतुष्ट नहीं हुए, अपितु आपके मन में एक लगन थी की हिसार मंडल में वैदिक सिद्धांतो तथा संस्कृत भाषा का प्रचार और प्रसार एक गुरुकुल की स्थापना के बिना अधूरा है। इसी लगन के परिणामस्वरूप गुरुकुल आर्यनगर की स्थापना की गयी जिसका विशेष वृतांत आगे दिया जा रहा है।

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