आश्रम व्यवस्था तथा वातावरण:-

1. गुरुकुल का वातावरण पवित्र तथा शान्तिमय है। शत-प्रतिशत छात्र आश्रम में ही रहते हैं  दोनों समय सन्ध्या तथा यज्ञादि नित्य कर्म सभी छात्र मिलकर करते हैं। प्रत्येक छात्र के लिए दोनों समय व्यायाम करना आवश्यक है। इस प्रकार छात्रों के बौद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। यहाँ का जलवायु अति उत्तम है। चारों ओर के लहलहाते खेतों तथा समीप बहती हुईं नहर की शोभा अनुपम है। इनवर्टर की व्यवस्था होने से बिजली की अनुपस्थिति में भी विद्यार्थी सुविधापूर्वक अध्ययन कर सकते हैं। यहाँ गुरु-शिष्यों का पारस्परिक मधुर सम्बन्ध अति श्लाघनीय है जो प्राचीन गुरुकुल परम्परा की याद दिलाता है।

अपनी कुछ सेवाएं अर्पित ली वहाँ विद्वानों के संग से आप विद्यार्जन भी करते रहे। परन्तु इतने मात्र से आप संतुष्ट नहीं हुए, अपितु आपके मन में एक लगन थी की हिसार मंडल में वैदिक सिद्धांतो तथा संस्कृत भाषा का प्रचार और प्रसार एक गुरुकुल की स्थापना के बिना अधूरा है। इसी लगन के परिणामस्वरूप गुरुकुल आर्यनगर की स्थापना की गयी जिसका विशेष वृतांत आगे दिया जा रहा है।

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